THE BASIC PRINCIPLES OF SHIV CHALISA LYRICS IN PUNJABI

The Basic Principles Of shiv chalisa lyrics in punjabi

The Basic Principles Of shiv chalisa lyrics in punjabi

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पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

अर्थ- आपकी जटाओं से ही गंगा बहती है, आपके गले में मुंडमाल है। बाघ की खाल के वस्त्र भी आपके तन पर जंच रहे हैं। आपकी छवि को देखकर नाग भी आकर्षित होते हैं।

Hello there, my title is Pandit Radhe Krishna. I feel God is The one thing in life we must always dedicate our time and energy to. Maintain going to this site and keep chanting God's title.

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।

सोमवार के दिन आप सब से जल्दी उठ जाए और उसके बाद स्नान करें फिर पूजा घर में शिव जी माता पार्वती और नंदी को स्थापित करें तथा उन पर गंगा जल चढ़ाएं उसके उपरांत भगवान शिव की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और पूजा आरंभ करें ध्यान रखें जी आप सबसे पहले गणेश भगवान की आरती करें और उसके बाद ही आप शिवजी की चालीसा करें शिवजी पर बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं.

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

एक कमल प्रभु राखेउ get more info जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

अर्थ- हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

अर्थ- हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

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